अकाल मृत्यु से बचने के लिए क्या करें?
हमारी जिंदगी का सबसे अंतिम सत्य है और इस सत्य से हम किनारा कर ही नहीं सकते हैं पूछ लो क्योंकि जिस भी किसी इंसान ने इस धरती पर जन्म लिया है उसकी मौत होना तो निश्चित ही है। लेकिन कई बार हम देखते हैं कि कई लोगों की मौत अकाल हो जाती है और आपकी वह इच्छा और वसीयत को पूरा नहीं कर पाते हैं। इसके लिए अगर आप भी चाहते हैं कि आप की मौत अकाल लो हो तो इसके लिए आपको कुछ उपाय करना भी बेहद जरूरी है। क्योंकि ईश्वर ने हम सभी को एक ही उम्र दी हुई है जिसमें हमें नेक कर्म कर जन्म-जन्मांतर के चक्र से मुक्त होकर मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं इसलिए अकाल मृत्यु से बचने के लिए हमें कुछ उपाय जरूर ही करनी चाहिए।
अकाल मृत्यु योग कब बनता है? /अकाल मृत्यु के कारण क्या है
सबसे पहले तो हम आपको यह बताते हैं कि आखिर अकाल मृत्यु के कारण क्या है यानी कि अकाल मृत्यु का योग कब बनता है। अगर किसी भी जातक की जन्मकुंडली के लग्न में मंगल मौजूद हो और उस पर सूर्य देव नमः शनि की दृष्टि भी हो तो किसी दुर्घटना में उसका मृत्यु होने की संभावनाएं बनी रहती है। इसके अलावा अगर राहु और मंगल ग्रह की युति या फिर या दोनों का समसप्तक होकर एक दूसरे को देखने से भी किसी भी जातक की कुंडली में दुर्घटना से उसकी अकाल मौत होने की आशंकाएं बनी रहती है।
अकाल मृत्यु किसकी होती है?
इस बारे में गरुड़ पुराण के सिंहावलोकन अध्याय में यह बताया गया है कि, अगर किसी जातक की हिंसक प्राणी द्वारा, मृत्यु भूख से पीड़ित होकर, फांसी लगाकर, जहर पीकर, आग से जलने,किसी दुर्घटना के कारण, सांप के काटने, जल में डूबने, या फिर आत्महत्या करने से होती है तो वह जातक अकाल मृत्यु को प्राप्त हो जाता है
अकाल मृत्यु से बचने के लिए उपाय
- अगर आप अकाल मौत से बचना चाहते हैं तो आपको चाहिए कि जल में तिल और शहद मिलाएं और उससे भगवान शिव का अभिषेक करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करते रहे। याद रहे कि यह उपाय शनिवार को करने से अकाल मृत्यु की आशंकाएं टल जाती है।
- शिवपुराण के मुताबिक जो जातक महाकाल के भक्त होते हैं काल भी उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
-यदि अगर आप शनिवार के दिन बिना बोले शनिदेव की पूजा अर्चना करते हैं तो आप पर शनिदेव भी प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए आपको चाहिए कि हर शनिवार को शनि देव की पूजा करें और ऐसा करने से आप पर अकाल मौत का खतरा दूर हो जाता है।
- शनि देव को नव ग्रहों में सबसे क्रूर माना जाता है और अगर आप इनकी कृपा पाना चाहते हैं तो शनिवार को उनके पूजन के साथ ही उनसे संबंधित कुछ चीजों का दान भी अवश्य करते रहना चाहिए। इस उपाय से भी अकाल मौत का संकट दूर हो जाता है।
- ईश्वर हमेशा से उन लोगों की रक्षा और उन लोगों पर मेहरबान रहते हैं जो उनकी शरण में आते हैं। इसलिए याद रखे कि ईश्वर पर हमेशा आस्था रखनी चाहिए और इस अकाल मृत्यु को दूर करने वाले उपाय करने से आपको इसका फायदा जरूर मिलेगा।
अकाल मृत्यु किस प्रकार का जोखिम है?
बीमारी, चोट या दुर्घटना के कारण समय से पहले मौत होने की संभावना है। स्वास्थ्य को तेजी से नुकसान पहुंचाने वाले कुछ जोखिम कारकों में धूम्रपान, मोटापा और खराब वायु गुणवत्ता के कारण पर्यावरणीय खतरों का जोखिम शामिल हो सकता है।
अकाल मृत्यु के सबसे सामान्य कारण क्या हैं? अचानक मौत क्यों होती है?
धूम्रपान से कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक, फेफड़ों के रोग, मधुमेह, और क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से समय से पहले मौत का खतरा बढ़ जाता है। शारीरिक गतिविधि हृदय रोग और टाइप 2 मधुमेह के जोखिम को कम करती है।
क्या मृत्यु को टाला जा सकता है?
जी नही, किसी भी जातक के मृत्यु का समय नही टल सकता है, मृत्यु तो अटल ही है। जो भी जातक इस धरती पर जन्म लेता है इस उसकी मौत होना निश्चित होता है। इंसान की मौत को टालना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं है और कहा जाता है कि किसी भी जातक के जन्म से पहले ही उसका मौत का समय लिखा जा चुका होता है। साथ ही वह कितने दिन कहां जिएगा और कब तक इस धरती पर रहेगा और उसकी मौत किस प्रकार और किन कारणों से होगी यह सारी चीजें भी लिखी जा चुकी होती है।
अकाल मृत्यु के लक्षण क्या होते है?
जब इंसान की मौत का वक्त आने वाला होता है तो उसको कुछ समय पहले से ही आकाश में चांद में दरारें या फिर वह खंडित नजर आता है। इसके अलावा जब अगर आपको आपकी परछाई नजर नहीं आए तो आपको मान लेना चाहिए कि यह आप की मौत करीब आने का सूचक है। इसके अलावा अगर जब किसी भी व्यक्ति के तन का रंग हल्का पीला पड़ने लगे और सफेद हो जाए तो यह इस बात का संकेत होता है कि अब उस व्यक्ति की मौत बहुत करीब आ चुकी है।
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