पूजा के समय हाथ में कलावा बांधने के जरूरी नियम

पूजा के समय हाथ में कलावा बांधने के जरूरी नियम

Raksha Sutra bandhne ke niyam Hindi me: पूजा के समय अक्सर ही कलाई में कलाई और रक्षा सूत्र बांधते हैं। यह परंपरा में भी कुछ नियमों का ध्यान रखना पड़ता है वरना हमें इसके नुकसान झेलने पड़ते हैं। इतना ही नहीं कलावा बनवाते समय ही इसे उतारने के समय भी कुछ जरूरी नियमों का पालन करना पड़ता है।

पूजा के समय कलाई में जो धागा बांधा है उसे कलावा और रक्षा सूत्र भी कहते हैं। हमारे धर्म में कलावा अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि किसी भी शुभ कार्य को करते समय या पूजा के करते समय कलावा या मौली बांधने की परंपरा प्राचीन काल से चल रही है। प्राचीन संस्कृति में भी कलावा को लेकर कई सारी बातें की गई है। लेकिन कलावा को लेकर मान्यता है कि इसे हाथ में बांधने से व्यक्ति की हर तरह से रक्षा होती है। लाल और पीले रंग से बने कलावे को लेकर हमारे शास्त्रों में कई सारी मान्यताएं बताई गई है। 

पूजा के समय कलाई में कलावा बांधने को लेकर कुछ जरूरी नियत नियम बताए गए हैं जिसका हम सभी को अनदेखा करना गलत बात हो सकता है। कुछ बातें ऐसी हैं ऐसे की कलावा हमें किस दिन बांधना चाहिए और किस दिन खोलना चाहिए, साथ ही कलावा कितनी बार लपेटना चाहिए और किस हाथ में बांधना चाहिए इन सभी बातों को हमें जानना बेहद जरूरी है। इसके अलावा कलावा बांधने से हमें क्या फायदा होता है यह भी हम आपको बताएंगे।

 

जीवन में आने वाले संकट में ढाल बनता है कलावा

जीवन में आने वाले संकट में ढाल बनता है कलावा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर हमारे जीवन में कोई भी संकट या परेशानी आने वाली होती है तो हमें कलावा या रक्षा सूत्र बांध लेना चाहिए।  कहा जाता है कि संकट और परेशानियों से राहत पाने के लिए कलावा बांधने से उस जातक पर त्रिदेवों और तीन महा देवियों की कृपा बनी रहती है। इन तीन देवियों में मां सरस्वती मां लक्ष्मी और महाकाली से विद्या बुद्धि धन संपत्ति और शक्ति प्राप्त होती है।

इस हाथ में बांधना चाहिए कलावा

हमें रक्षा सूत्र कलावा को किस हाथ में बांधना चाहिए इस बारे में पुरुष और महिलाओं के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं पुरुषों पुरुषों और कुंवारी लड़कियों को अपने दाहिने हाथ में कलावा बांधना चाहिए। वही विवाहित महिलाओं को हमेशा अपने बाएं हाथ में ही कलावा बांधना चाहिए।

 कितनी बार कलाई पर लपेटे कलावा

आपको अपनी कलाई पर दो-तीन यहां पांच बार कलावा लपेटना चाहिए। याद रखेगी कलावा बांधते समय कभी भी अपना हाथ खाली नहीं रखना चाहिए। जैसे कि अगर आप जिस हाथ में कलावा बांध रहे हैं उसमें एक सिक्का रखना चाहिए। और कलावा बांध लेने के बाद वह सिक्का कलावा बांधने वाले व्यक्ति पंडित जी को दे दे।

कलावा खोलने का सही समय

 

अगर किसी भी जातक ने अपने हाथ में कलावा बांदा है तो वह उसे किसी भी दिन या किसी भी समय नहीं खोल सकता है क्योंकि इसे बढ़ने से जातक की रक्षा होती है। कला वाया रक्षा सूत्र खोलने के लिए मंगलवार का दिन या फिर शनिवार को सबसे सही दिन माना जाता है। पुराना कलावा खुलने के बाद पूजा घर में बैठकर दूसरा कलावा बांध लेना भी शुभ माना जाता है।

पुराना कलावा कहां रखना चाहिए

अगर आपने अपना कलावा खोला है तो आपको उसे यहां कहीं रखना नहीं चाहिए। अगर आप अपना पुराना कलावा निकालते हैं तो आपको उसे किसी बहते पानी में प्रवाहित कर देना चाहिए या फिर किसी पीपल के पेड़ के नीचे एक जगह पर बड़े ही सम्मान के साथ रख देना चाहिए।

 

(Disclaimer: हमने ऊपर बताई गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। इसकी सत्यता यहां सच होने की पुष्टि हम नहीं करते हैं। जातक कोई भी फैसला लेने से पहले किसी भी अनुभवी व्यक्ति की सलाह लें। इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी कदम की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।)


दोस्तों मैं पिछले 4 साल से ब्लॉगिंग कर रहा हूं मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है इसलिए मैं आप तक सही जानकारी देने की कोशिश करता हूं

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