अब होगा सीबीएसई के एजुकेशन फॉर्मेट में बदलाव टेन प्लस टू 10+2 नहीं बल्कि इसके तहत होगा पढ़ाई|
CBSE (Central Board Of Secondary Education)जल्द ही अपना एजुकेशन फॉर्मेट(Education Format )चेंज करेगा, क्योंकि इसको लेकर कभी भी दिशा निर्देश जारी हो सकता है|CBSE के इस निर्देश से सभी स्कूलों को कहा जाएगा|वे नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 को फॉलो करें जो प्रस्तावित एकेडमिक सिस्टम है| सीबीएसई ने यह भी कहा कि वर्तमान में मौजूद टेन प्लस टू 10+2 एजुकेशन फॉर्मेट को बदलकर 5+3+3+4 सिस्टम
को अपनाना होगा|
शुक्रवार को सीबीएसई(CBSE) चेयरपर्सन निधि छिब्बर ने कहा कि बोर्ड ने यह फैसला किया है कि जो एजुकेशन फॉर्मेट में बदलाव हुआ है|वह अगले एकेडमिक सेशन में कर दिया जाएगा.उन्होंने यह बात ज्ञान सरोवर सेंट्रल सहोदय स्कूल कॉम्प्लेक्स(बड़ोदरा)द्वारा आयोजित 28 में एनुअल कांफ्रेंस के उद्घाटन में भाग लेते पहुंची थी| इस एनुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन ‘Education4.0:Reinventing education for 2030 and beyond’ 3:00 पर आयोजित किया गया था|
इस एजुकेशन सिस्टम में शामिल होंगे 3 साल के बच्चे भी
सीबीएसई चीफ ने कहा हम जल्द ही सर्कुलर जारी करेंगे ‘न्यू एजुकेशन पॉलिसी’ के लिए ताकि हम टेन प्लस टू 10+2 के बजाय NEP के द्वारा बताए गए 5+3+3+4 फॉर्मेट को लागू करने के लिए दिशानिर्देश जारी करेंगे|CBSE चीफ ने यह भी कहा कि नया एजुकेशन सिस्टम में यह एक खास बात होगी कि उसमें 3 से 6 साल तक के बच्चे को भी फॉर्मल एजुकेशन सिस्टम में शामिल किया जाएगा. साथ ही साथ दीदी छिब्बर ने यह भी कहा कई सारे स्कूल ऐसे हैं जो पहले ही से इसमें शामिल है|स्कूलों के पास प्री नर्सरी क्लासेस है जो कि अब वह सीबीएसई के फॉर्मल सिस्टम में आ जाएंगे|
क्या होगा NEP नया एजुकेशन फॉर्मेट?
इस NEP एजुकेशन सिस्टम को चार भागों में बांट दिया गया है. इसमें सबसे पहले फाउंडेशन स्टेज होगा, जिसमें 30 साल से 8 साल के बच्चों को शिक्षा दिया जाएगा. उसके बाद दूसरी स्टेज में 8 साल से 11 साल के बच्चों तक को शामिल किया जाएगा. फिर उसके बाद तीसरी स्टेज में छठवीं क्लास से आठवीं क्लास तक का पढ़ाई कराया जाएगा. जिसमें 11 साल से 14 साल तक के बच्चे शामिल होंगे. उसके बाद आएगी चौथी स्टेज जिसमें9से 12 क्लास के बच्चों को पढ़ाया जाएगा.इसमें 14 से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा दी जाएगी|NEP के दस्तावेज मैं यह भी कहा गया है कि 10 और 12वीं क्लास के बोर्ड एग्जाम होते रहेंगे, लेकिन इसमें सीबीएसई के चेयरपर्सन ने यह भी कहा है की कोचिंग क्लास की जरूरत को खत्म करने के लिए बोर्ड और एंट्रेंस एग्जाम कि मौजूदा सिस्टम में सुधार किया जाएगा|