जीवन
का मंत्र क्या है
हम में से हर एक मनुष्य सुख और सुविधाओं वाला आनंदमय जीवन पसंद करता
है लेकिन इसके बावजूद हमारे जीवन का मंत्र होना चाहिए वर्तमान में जीना।
हमारे जीवन का मंत्र वर्तमान में जीना ही होना चाहिए। इसके अनुसार
हमें वर्तमान समय में हर लालच से मुक्त होकर ज्ञान की प्राप्ति करना चाहिए। जीवन
का मंत्र वर्तमान को बनाकर हमें हर प्रकार ऐशों-आराम का पीछा नहीं करना चाहिए
बल्कि सिर्फ और सिर्फ हमारे जीवन के आधारभूत जरुरतों को ही पूरा करना चाहिए।
जीवन
का मंत्र है ज्ञान
वर्तमान में जीकर ज्ञान को ही
हमें हमारा जीवन मंत्र बनाकर सीखना और कुशलता प्राप्त करना चाहिए।
अभ्यास एक ऐसा महत्व पूर्ण साधन है जो हर एक इंसान को परफेक्ट बनाता है। साथ ही
हमें हमारे जीवन में पर्याप्त नींद को भी जीवन जीने का मंत्र बनाना चाहिए क्योंकि
नींद भी हमारी यादों को मजबूत करने में मदद करती है।
जैसे की बहता पानी बिल्कुल साफ और निर्मल होता है उसमें किसी प्रकार
की गंदगी या मेलापन दिखाई नहीं देता है ठीक उसी प्रकार से हम अपने आप को किसी कम
में व्यस्त रखते हैं तो हमारे जीवन में ऊर्जा का संचार भी सतत बना रहता है। लेकिन
जैसे ही हम अपने जीवन में नए फैसले लेने या कुछ सीखना बंद कर देते हैं वैसे-वैसे
ही हम अपने आप को बड़ा बहुत थका हुआ भी महसूस करने लगते हैं। कभी भी कोई भी फैसला
कब तक अपने आप में गलत या सही नहीं होता जब तक की हम अपने कदम को आगे नहीं बढ़ाते।
हम जो भी फैसले लेते हैं उन हर हर फ़ैसले में सदैव सुधार की गुंजाइश
बनी ही रहती है। लेकिन यदि हम अपने फैसले को सबसे सही फैसला मानकर उसे पर सोच
विचार करना छोड़ देंगे तो हो सकता है की आने वाले समय में हमें उसके गलत परिणाम भी
भुगतने पड सकते हैं।
हर
परिस्थिति में संयम बनाए रखना जीवन का मंत्र
जीवन का मन्त्र है हर परिस्थिति में संयम बनाये रखना और भावनात्मक
रूप से अपने आप को सुदृढ़ रखना। हमारा जीवन अनेक रंगों से अपनी इंद्रधनुष सी आभा से
प्रत्येक व्यक्ति के जीवनकाल के कई हिस्से में कुछ बहुत ही खूबसूरत पल और कुछ बहुत
ही कठिन पल लेकर आता है।
किंतु, यदि रहे कि हमारे लिए इन दोनों ही दशाओं में आत्म संयम बनाये
रखना किसी चुनौती से कम नहीं होता है। ऐसे पलों में आत्म नियंत्रण ह भविष्य में आने वाली अनेक कठिनाइयों
को दूर करने में भी बहुत ही मददगार साबित होता है ।
हम निम्न रूप से जीवन का मंत्र को
फॉलो कर
सकते हैं -
·
किसी भी बहस में जीतना ही हमारा ध्येय
नहीं होना चाहिए।
·
यदि कभी कुछ मौकों पर विवाद की
परिस्थिति उत्पन्न भी हो जाये तो वहां मौजूद एक पक्ष को मौन धारण कर लेना चाहिये।
·
बच्चों के समक्ष कभी भी विवादों का
इजहार नहीं करना चाहिए।
जीवन
का मंत्र क्या हैं?
हम में से हर मनुष्य सुखी और आनन्द का जीवन जीना चाहता है। हम में से
बहुत से लोग अपने गुण और कार्य से संसार
के सभी सुखों और सुविधाओं की प्राप्ति कर सुखमय जीवन जीते हैं तो कुछ लोग सिर्फ
भाग्य के सहारे ही सब कुछ पाने की उम्मीद लगाए रहते हैं । ऐसे लोग सिर्फ यही सोचते
हैं कि भाग्य में लिखा होगा तो सब कुछ मिल ही जाएगा। वही कुछ लोग भगवान ही उनकी
इच्छा पूरी करेगा, ऐसा मानकर पूजा पाठ के सहारे सुखी जीवन की कल्पना करते रहते हैं
।
जीवन
का मंत्र है वर्तमान में जीना
वर्तमान में जीने के बहुत सारे तरीके हैं। एक तो यह है कि बहुत मन
लगाकर किसी भी काम में व्यस्त रहें और बिना ग़लत सोचे अपने काम को करते जाएं।
हमारे जिवन मे जो भी घटना होती है उसके पीछे कुछ न कुछ कारण अवश्य
होता है। इसको हम पुरुषार्थ, कर्म और फल के माध्यम से भी समझ सकते है। अर्थात् यह
कि हम वर्तमान में जो भी कार्य कर रहे है , जो भी हमारे भाग्य में लिखा हुआ है
उसके पीछे कुछ न कुछ कारण अवश्य होता है और वो है पिछले दिनों में हमारे द्वारा
किए गए पुरुषार्थ और कर्म है।
इसी प्रकार से हमारे भाग्य
का निर्माण होता है और इसके द्वारा ही हम सरलता से जीवन में सुख दुख की व्याख्या
कर सकते है। वर्तमान में जीवन मंत्र बनाकर हम अपनी इच्छाओं को भी नियंत्रित भी कर
सकते है।