कैसे फ्लॉप हो गईं 'राधे श्याम', 'बीस्ट' और
'आचार्य'? साउथ सिनेमा के गुणगान से पहले ये भी जान लीजिए
कोरोना की दूसरी लहर के बाद पहले तेलुगू सिनेमा की 'पुष्पा' (Pushpa) और 'आरआरआर' (RRR) और फिर कन्नड़ सिनेमा की 'केजीएफ 2' (KGF 2) ने हिंदी बॉक्स आफिस समेत दुनियाभर में जबर्दस्त कमाई करके सफलता के नए रेकॉर्ड बना दिए। खासकर आरआरआर और केजीएफ 2 ने तो 1170 करोड़ क्लब में एंट्री करके सबको हैरान कर दिया। कोरोना के बाद जहां सिनेमा की कामयाबी को लेकर हर कोई चिंतित था। ऐसे में इन दोनों फिल्मों की कामयाबी ने आने वाली दूसरी फिल्मों के निर्माताओं और स्टार्स को भी हौंसला बंधाया है कि अगर कंटेंट में दम है, तो दर्शक फिल्म को देखने सिनेमा में जरूर आएंगे।
हिंदी बॉक्स ऑफिस पर धमाका कर रहीं तेलुगू
फिल्में
केजीएफ
2 ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर जहां 400 करोड़ से ज्यादा कमाई करके नया इतिहास रच दिया है।
वहीं आरआरआर ने भी हिंदी में 270 करोड़ रुपए की रेकॉर्ड कमाई की। जबकि पुष्पा ने बिना
किसी खास प्रमोशन के हिंदी में 100 करोड़ क्लब में एंट्री की। इन तीनों फिल्मों की
ग्रैंड सक्सेस को देखते हुए हिंदी पट्टी में साउथ की फिल्मों का काफी क्रेज नजर आ रहा
है और साउथ फिल्मों को सफलता की गारंटी माना जा रहा है। हालांकि जानकारों का कहना है
कि ऐसा बिल्कुल नहीं है कि साउथ के सितारे कोई हिट फिल्मों की मशीन हैं कि उनकी सारी
ही फिल्में हिट होती हैं। पिछले कुछ महीनों में बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास प्रदर्शन नहीं
कर पाईं प्रभास की राधे श्याम, थलापति विजय की बीस्ट, चिरंजीवी और रामचरण की आचार्य
और रवि तेजा की खिलाड़ी के कमजोर प्रदशर्न को देखते हुए कहा जा सकता है कि साउथ सिनेमा
की भी सारी फिल्में हिट नहीं होतीं।
प्रभास से लेकर विजय तक, हिट की नहीं है गारंटी
मार्च
के महीने में रिलीज हुई पैन इंडिया स्टार प्रभास की फिल्म राधे श्याम से उनके फैंस
को काफी उम्मीदें थीं। करीब 350 करोड़ के भारी भरकम बजट में बनी इस फिल्म को प्रभास
के चाहनेवालों ने बॉक्स ऑफिस पर पूरी तरह नकार दिया। यही वजह रही कि फिल्म का दुनियाभर
का कलेक्शन जहां 200 करोड़ के आसपास सिमट गया। वहीं हिंदी में फिल्म के लिए 20 करोड़
की कमाई करना भी मुश्किल हो गया। जबकि प्रभास को तेलुगू का बहुत स्टार माना जाता है।
वहीं सुपरहिट तमिल सितारे थलापति विजय की फिल्म बीस्ट को लेकर भी उनके फैंस के बीच
काफी उत्साह था। इस फिल्म को हिंदी में रॉ नाम से रिलीज किया गया था। लेकिन इस फिल्म
को भी तमिलनाडु से लेकर हिंदी पट्टी तक में विजय के चाहनेवालों ने पूरी तरह नकार दिया।
यही वजह रही कि फिल्म दुनियाभर में करीब 150 करोड़ ही कमा पाई। वहीं हिंदी में तो फिल्म
2 करोड़ भी कमाई नहीं कर पाई। जबकि विजय को तमिलनाडु के सबसे बड़े स्टार्स में से एक
माना जाता है। हाल ही में आरआरआर जैसी सुपरहिट फिल्म देने वाले तेलुगू स्टार रामचरण
जब तेलुगू सुपरस्टार चिरंजीवी के साथ फिल्म आचार्य लेकर आए, तो हर किसी को उम्मीद थी
कि यह फिल्म कमाई के नए रेकॉर्ड बनाएगी। लेकिन दर्शकों को सिनेमा बुलाने में बुरी तरह
नाकाम रही इस फिल्म ने दुनियाभर में बमुश्किल 80 करोड़ रुपए की कमाई की है। वहीं इससे
पहले हिट तेलुगू ऐक्टर रवि तेजा की फिल्म खिलाड़ी भी बुरी फ्लॉप रही थी।
'कंटेंट में दम है तो चलेगी फिल्म'
फिल्मी
दुनिया के जानकार कहते हैं कि भले ही पिछले कुछ अरसे से साउथ की फिल्मों के हिंदी बॉक्स
ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन करने से दर्शकों के बीच उनका ज्यादा क्रेज नजर आ रहा है। लेकिन
ऐसा बिल्कुल नहीं है कि साउथ सिनेमा की सारी ही फिल्में हिट होती हैं। वहां की फिल्में
भी बॉलिवुड की तरह कभी हिट तो कभी फ्लॉप होती हैं। इस बारे में बात करने पर प्रड्यूसर
और फिल्म बिजनस एनालिस्ट गिरीश जौहर कहते हैं, 'यह ठीक है कि पिछले कुछ अरसे में साउथ
सिनेमा की पुष्पा, आरआरआर और केजीएफ 2 जैसी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन
किया। बेशक उन फिल्मों का कंटेंट अच्छा था। इस दौरान बॉलिवुड की भी कुछ फिल्मों सूर्यवंशी,
गंगूबाई और द कश्मीर फाइल्स ने अच्छा प्रदर्शन किया, तो उनके भी कंटेंट में दम था।
फिल्मों की सफलता को हम उत्तर या दक्षिण के सिनेमा में नहीं बांट सकते। फिल्म की सफलता
के लिए उसका कंटेंट अच्छा होना जरूरी है। फिर चाहे वह उत्तर की हो या दक्षिण सिनेमा
की हो। दक्षिण सिनेमा की जिन फिल्मों दम था, तो दर्शकों ने उन्हें पसंद किया। वहीं
जिनमें दम नहीं था, उन्हें पूरी तरह नकार दिया। कुछ ऐसा ही बॉलिवुड फिल्मों के साथ
है। अगर आने वाले दिनों में बॉलिवुड की अच्छे कंटेंट वाली फिल्म आएगी, तो वह भी साउथ
फिल्मों की तरह सुपरहिट होगी।