खरबूजे के बीज का रेट 2023
किसान गर्मी के मौसम में खरबूजे की खेती कर उसके बीज को बेचकर चांदी और सोने के समान पैसा कमा सकते हैं। खरबूजे के बीजों से किसान प्रति हेक्टर 80 से ₹90000 तक की कमाई कर सकते हैं। इतना ही नहीं इन बीजों के अलावा मार्च से मई तक 3 महीने में फसल लेकर अगली फसल खरीफ यानी कि कपास, सोयाबीन, धान सहित अन्य फसलों के लिए अपने खेत जून से जुलाई के समय के दरिया दरमियान दोबारा तैयार कर फसल बो सकते हैं।
किसान रबी सीजन से फसलें खेतों से निकाल भी चुके हैं अब खेत खाली पड़े हैं और जून में बारिश होने के बाद ही बाेवनी होगी। 4 महीने खेत खाली पड़े हैं और इन समय दरमियान किसान खरबूज की खेती कर उसके बीजों से लाखों रुपए कमा सकते हैं। गर्मी के दिनों में खरबूजा तरबूज खूब बिकते हैं और खाली पड़ी जमीन का इस्तेमाल भी हो जाएगा।
किसान मल्चिंग विधि का इस्तेमाल कर खरबूजे की खेती कर उसके बीजों से अधिक कमाई कर सकते हैं। मल्चिंग विधि के इस्तेमाल से खरबूजा बोने से पैदावार अच्छी होती है और फसल टूटने के भी 10 दिन तक वह खराब नहीं होती। इससे 140 से लेकर 160 क्विंटल खरबूजा प्रति एकड़ प्राप्त होता है।
खरबूजे के बीज का रेट 2023
खरबूजे के बीज का रेट क्या हैखरबूजे का रेट 200 ग्राम का ₹600 चल रहा है
खरबूजे की उन्नत किस्में
पूसा शरबती (एस-445)- यह फल गोल, मध्यम आकार व छिलका हल्के गुलाबी रंग का होता है। इसका छिलका जालीदार, गूदा मोटा और नारंगी रंग का होता है। एक बेल पर करीब 3-4 फल लगते हैं।
पूसा मधुरस- इस प्रकार का फल गोल, चपटे, गहरे हरे रंग के धारीदार होते है। इसका गूदा रस से भरा हुआ व नारंगी रंग का होता है। इस प्रकार के फल का औसत वजन 700 ग्राम होता है और एक बेल पर 5 फल लगते हैं।
हरा मधु: इस प्रकार का फल का औसत भार एक किलो और फलों पर हरे रंग की धारियां होती है । यह फल पकने पर इसका रंग हल्का पीला पड़ जाता है। फल के अंदर का गूदा हल्का हरा, 2-3 सेमी मोटा व रसीला होता है।
आई.वी.एम.एम.-3 : इस प्रकार का खरबूजे का फल धारीदार व पकने पर हल्के पीले का रंग का होता हैं। यह फल बहुत ही मीठे और गूदा नारंगी रंग का होता है। इस प्रकार के खरबूजे का औसत वजन 500 से 600 ग्राम होता है।
पंजाब सुनहरी – इस किस्म के खरबूजे की लता मध्यम लंबाई की, फल गोलाकार और पकने पर हल्का पीले रंग का होता है। फल का अंदरूनी गूदा नारंगी रंग का और रसदार होता है।
सिर्फ खरबूजे की किस्मों की जानकारी पर आपको बीज की प्राप्ति नहीं होगी। लेकिन आपको खरबूजे के बीज प्राप्त करने के लिए खेती के लिए अनुरूप जलवायु, मिट्टी, खाद्य उर्वरक और खर्च आदि की जानकारी भी हासिल करनी होगी।
किंतु, घबराइए नहीं हमने आगे यह सभी जानकारी आपकी सहायता के लिए मुहैया की है।
आवश्यक जलवायु और मिट्टी-
खरबूजे की खेती कर बीज हासिल करने के लिए गर्म एवं शुष्क जलवायु उत्तम है। उचित जल निकास और जीवांश युक्त बलुई मिट्टी या दोमट मिट्टी इसके लिए सर्वोत्तम होती है।
आवश्यक खाद और उर्वरक –
खरबूजे की खेती करने के लिए 8-10 टन प्रति एकड़ कम्पोस्ट खाद डालें। 58 किलोग्राम डीएपी, 55 किलो यूरिया,और 40 किलो म्यूरेट आफ पोटाश भी डालें।
चलिए हम जानते हैं एक हेक्टेयर में खरबूज की खेती पर लगने वाला टोटल खर्च
1000 रुपए. पांच किलो बीज
3000 रुपए. खेत की तैयारी, बोवनी ,खाद
3000 रुपए। कीटनाशक का उपयोग
6000 रुपए. फसल की तुड़ाई पर करीब 30 मजदूरों की जरूरत होती है।
बुआई का सही समय–
खरबूजे की बुआई मार्च महिने में ही शुरू हो जाती है। 1.5-2.0 मीटर की दूरी पर 30 से 40 से.मी चौड़ी नालियां भी बनाते हैं। खरबूजे के बीज की बुआई नाली के किनारों (मेड़ों) पर 50-60 से.मी. की दूरी पर करते हैं।
फसल की तुड़ाई –
बोवनी के सवा से ढाई महीने के बाद खरबूजे की फसल तैयार हो जाती है। फल अंतिम छोर से पकना शुरू होता है और रंग बदल जाता है।
खरबूजे के बीज पाने के लिए 13000 रुपए. कुल होता है।
आय का गणित
6 क्विंटल बीज उत्पादन
15000 रुपए. क्विंटल. बिकते है
90000 रुपए. आय
शुद्ध मुनाफा : 77000 रु. प्रति हेक्टेयर
हाथरस यूपी जाता है खरबूजे का बीज
खरबूजे के बीजों की सबसे बड़े पैमाने पर खरीदी नीमच के रामपुरा में होती है।
बाद यहां से बीजों को उत्तर प्रदेश के हाथरस भेजा जाता है। करीब डेढ़ हजार हेक्टर में किसान खरबूजे के बीज की खेती कर रहे हैं। किसान रामपुरा में बीजों को बेचते हैं और व्यापारी वहां से फिर हाथरस पहुंचाते हैं। इतना ही नहीं कहीं कुछ किसान तो सीधे हाथरस के व्यापारी को ही अपने बीज बेच रहे हैं। हाथरस में खरबूजे के 1 क्विंटल बीजों के ₹15000 तक किसान को मिल जाते हैं।
खरबूजे की बुवाई पर इतना मिलेगा अनुदान
ग्रीष्मकालीन खरबूज की बुआई पर किसानों को 0.200 हेक्टेयर में निर्धारित इकाई लागत 10 हजार रुपए 35 फीसदी अनुदान या 3500 रुपए अनुदान दिया जाता है।
खेती के लिए आवश्यक तापमान और सिंचाई –
खरबूजे की फसल में 5 दिन के अंतराल पर सिंचाई करते रहना जरूरी है। बीज के जमाव और पौधों के बढ़ने के लिए 22-26 डिग्री सेल्सियस तापमान सबसे योग्य होता है।
खरबूजे की निंदाई-गुड़ाई :
बेल लगने के बाद से लेकर पहले 25 दिनों तक खरपतवार फसल को अधिक नुकसान पहुंचाते हैं। इससे पौधे की बढ़वार भी रूक जाती है।
कृपया ध्यान दें इसके वेट उतरते भी हैं चढ़ते भी हैं अपने नजदीकी मार्केट में जाकर एक बार जरूर पता करें।