घर में कुत्ता क्यों नहीं पालना चाहिए, Ghar me kutta kyo nahi palna chahiye in hindi.
आज समय कैसा बदल गया है, पहले घर के दरवाजे पर लिखा हुआ होता था ‘स्वागतम, सुस्वागतम, अतिथि देवो भव”। फिर लिखा जाने लगा ‘वेलकम’, खुशआमदीद, लेकीन इस टेक्नोलॉजी के अब लिखा जाता है ‘सावधान अन्दर कुत्ते हैं’। कितना अन्तर है, टेक्नोलॉजी के बड़े दुष्परिणाम हैं। इनके प्रति सावधान हो जाना चाहिए। लोगों के इस कुत्ता कल्चर की बढ़ती हुई परिपाटी को देखकर हमे कई बार बड़ा ही आश्चर्य होता हैं। एक बात एसी भीसुनने में आई थी की डॉक्टर पति-पत्नी के बीच में कुत्ते को लेकर डाइवोर्स हो गया था’ यह मॉर्डन जमाने की बलिहारी है, वैसे यहएक बहुत ही बडी विडंबना है। पश्चिम की संस्कृती का अन्धानुकरण अब हमारे देश में होने लगा, यह सब बिलकुल ही नहीं होना चाहिए। खुद को आधुनिक कहेनेवाले जीन लोगो के घर में कुत्ता पलता हो उस घर की शुद्धि ही नहीं है। क्योंकी कुत्ता पूरे घर में घूमता है, शुद्धता कहाँ होगी, अशुद्धि ही रहेती है।
शास्त्रों में कुत्ते-बिल्ली को पालने का निषेध
हमारे शास्त्रों में भी कुत्ते-बिल्ली जैसे क्रूर प्राणियों को पालने का स्पष्ट निषेध किया गया है। कुत्ते-बिल्ली को पालना( kutte – billi ko palana in hindi) न केवल निषेध किया गया बल्की उसे तो नरक आयु के बन्ध का कारण भी बताया गया है। कुत्ते-बिल्ली जैसे क्रूर प्राणियों को पालने से नरक आयु का बन्ध होता है, आप ऐसा कभी भी मत करना क्योंकी इसके बड़े ही दुष्परिणाम हैं।
जो पशुपालन के योग्य हो, वहीं पालना चाहिये। जैसे गाय, बकरी, भेस आदि पालो कुत्ता नहीं। इन सभी जानवरो में गाय वात्सल्य का प्रतीक है कुत्ता क्रूरता का प्रतीक है। जिस घर में गाय पाली जाती है उस घर में वात्सल्य बढ़ता है। इसलिए कुत्ता नहीं गाय पालना ही हितावह है. लेकीन आज तो उल्टा हो रहा है, किसी घर में गाय देखने को नहीं मिलती है और कुत्ते घर घर आ गए, मतलब वात्सल्य विदा हो गया और क्रूरता घर में प्रवेश कर गई।
कुत्ता पालने वाले के लिए स्वर्ग में स्थान नहीं
कुत्ता पालने वाले व्यक्ति को स्वर्ग में स्थान नहीं है ऐसे व्यक्तियों का स्वर्ग में प्रवेश वर्जित है। जिस घर में कुत्ते पाले हुए होते है उस घर में किये गए यज्ञ, और पुण्य कर्म के फल का क्रोधवश नामक राक्षस हरण कर लेते है।
इतना ही नही लेकीन उस घर के व्यक्ति जो कोई दान, पुण्य, स्वाध्याय, हवन और कुवा-बावड़ी इत्यादि करने से जो भी पुण्य फल इकट्ठा होता है वह सब घर में कुत्ते को पालने से निष्फल हो जाता है।
कुत्ते को घर मे पालना निषिद्ध और वर्जित
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि कुत्ता राहु ग्रह का प्रतीक है। इस लिये घर में कुते को रखना मतलब घर मे रखना राहु को अपने पास रखने के बराबर है और राहु भक्तिभाव से दूर करता है।
कुत्तों को भोजन दें
हा, यह बात है की कुत्ते को संरक्षण भी हमे ही देना चाहिए, आप रोज अपनी हेसियत के अनुसार कुत्तों को भोजन दें, घर की रोज की अंतिम एक रोटी पे कुत्ते का हक है. इस पशु को भूलकर भी प्रताड़ित नही करना चाहिए और दूर से ही इसकी सेवा करनी चाहिए। इससे अवधूत भगवान दत्तात्रेय और भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं।
कुत्तों के लिए घर के बाहर बाडा बनवाएं घर के अंदर नहीं, यह शास्त्र का मत है। शास्त्रो के अनुसार हमारा अतिथि घर में, गाय आंगन में, और कुत्ता, कौवा, चींटी घर के बाहर ही फलदाई होते है।
क्या घर में कुत्ते-बिल्ली पालना (Ghar me kutta ko palna सही है? यघर में कुत्ता क्यों नहीं पालना चाहिए, Ghar me kutta kyo nahi palna chahiye in hindi.
आज समय कैसा बदल गया है, पहले घर के दरवाजे पर लिखा हुआ होता था ‘स्वागतम, सुस्वागतम, अतिथि देवो भव”। फिर लिखा जाने लगा ‘वेलकम’, खुशआमदीद, लेकीन इस टेक्नोलॉजी के अब लिखा जाता है ‘सावधान अन्दर कुत्ते हैं’। कितना अन्तर है, टेक्नोलॉजी के बड़े दुष्परिणाम हैं। इनके प्रति सावधान हो जाना चाहिए। लोगों के इस कुत्ता कल्चर की बढ़ती हुई परिपाटी को देखकर हमे कई बार बड़ा ही आश्चर्य होता हैं। एक बात एसी भीसुनने में आई थी की डॉक्टर पति-पत्नी के बीच में कुत्ते को लेकर डाइवोर्स हो गया था’ यह मॉर्डन जमाने की बलिहारी है, वैसे यहएक बहुत ही बडी विडंबना है। पश्चिम की संस्कृती का अन्धानुकरण अब हमारे देश में होने लगा, यह सब बिलकुल ही नहीं होना चाहिए। खुद को आधुनिक कहेनेवाले जीन लोगो के घर में कुत्ता पलता हो उस घर की शुद्धि ही नहीं है। क्योंकी कुत्ता पूरे घर में घूमता है, शुद्धता कहाँ होगी, अशुद्धि ही रहेती है।
शास्त्रों में कुत्ते-बिल्ली को पालने का निषेध
हमारे शास्त्रों में भी कुत्ते-बिल्ली जैसे क्रूर प्राणियों को पालने का स्पष्ट निषेध किया गया है। कुत्ते-बिल्ली को पालना( kutte – billi ko palana in hindi) न केवल निषेध किया गया बल्की उसे तो नरक आयु के बन्ध का कारण भी बताया गया है। कुत्ते-बिल्ली जैसे क्रूर प्राणियों को पालने से नरक आयु का बन्ध होता है, आप ऐसा कभी भी मत करना क्योंकी इसके बड़े ही दुष्परिणाम हैं।
जो पशुपालन के योग्य हो, वहीं पालना चाहिये। जैसे गाय, बकरी, भेस आदि पालो कुत्ता नहीं। इन सभी जानवरो में गाय वात्सल्य का प्रतीक है कुत्ता क्रूरता का प्रतीक है। जिस घर में गाय पाली जाती है उस घर में वात्सल्य बढ़ता है। इसलिए कुत्ता नहीं गाय पालना ही हितावह है. लेकीन आज तो उल्टा हो रहा है, किसी घर में गाय देखने को नहीं मिलती है और कुत्ते घर घर आ गए, मतलब वात्सल्य विदा हो गया और क्रूरता घर में प्रवेश कर गई।
कुत्ता पालने वाले के लिए स्वर्ग में स्थान नहीं
कुत्ता पालने वाले व्यक्ति को स्वर्ग में स्थान नहीं है ऐसे व्यक्तियों का स्वर्ग में प्रवेश वर्जित है। जिस घर में कुत्ते पाले हुए होते है उस घर में किये गए यज्ञ, और पुण्य कर्म के फल का क्रोधवश नामक राक्षस हरण कर लेते है।
इतना ही नही लेकीन उस घर के व्यक्ति जो कोई दान, पुण्य, स्वाध्याय, हवन और कुवा-बावड़ी इत्यादि करने से जो भी पुण्य फल इकट्ठा होता है वह सब घर में कुत्ते को पालने से निष्फल हो जाता है।
कुत्ते को घर मे पालना निषिद्ध और वर्जित
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कहा जाता है कि कुत्ता राहु ग्रह का प्रतीक है। इस लिये घर में कुते को रखना मतलब घर मे रखना राहु को अपने पास रखने के बराबर है और राहु भक्तिभाव से दूर करता है।
कुत्तों को भोजन दें
हा, यह बात है की कुत्ते को संरक्षण भी हमे ही देना चाहिए, आप रोज अपनी हेसियत के अनुसार कुत्तों को भोजन दें, घर की रोज की अंतिम एक रोटी पे कुत्ते का हक है. इस पशु को भूलकर भी प्रताड़ित नही करना चाहिए और दूर से ही इसकी सेवा करनी चाहिए। इससे अवधूत भगवान दत्तात्रेय और भैरव बाबा प्रसन्न होते हैं।
कुत्तों के लिए घर के बाहर बाडा बनवाएं घर के अंदर नहीं, यह शास्त्र का मत है। शास्त्रो के अनुसार हमारा अतिथि घर में, गाय आंगन में, और कुत्ता, कौवा, चींटी घर के बाहर ही फलदाई होते है।
क्या घर में कुत्ते-बिल्ली पालना (Ghar me kutta ko palna सही है? यहां देखें विडीयो,
हां देखें विडीयो,